Dastan-e-mohabbat

दास्तां ये मोहब्बत की इज़्हार कर बैठे ,
हम एक दूसरे से इक़रार कर बैठे।
दिल में है इबादत ये आश्ना बना बैठे,
खुद को तुम्हें अपना असीर बना बैठे।
पैगाम मेरा अब ये ज़रा तुम क़ुबूल कर लो,
गिला छोड़के अब तो गुफ़्तगू कर लो।
है चाह हमारी ये हमपर नाज़ ज़रा कर दो,
छोड़ो फ़ासिला अब तो आगे कदम रख दो।।
                                    priyanka tripathi

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